Is election a battle?
यह तो कमाल हो गया! जरूर आज सूरज पशà¥à¤šà¤¿à¤® से निकला था. मेरे दरवाजे पर नेताजी आà¤. नहीं मैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जानता नहीं, पहचानता à¤à¥€ नहीं. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा वह नेता हैं, उनके साथ काफी लोग à¤à¥€ थे, मेरे पास उनकी बात न मानने का कोई कारण à¤à¥€ नहीं था. इसलिठमैंने मान लिया कि वह नेता हैं. बैसे मैंने कà¤à¥€ सोचा नहीं था कि कà¤à¥€ कोई नेता मेरे दरवाजे पर आà¤à¤—ा. मैं बैसे ही नेताओं से बचता हूठऔर ईशà¥à¤µà¤° से यह पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करता रहता हूठकि कोई नेता मेरे दरवाजे पर न आà¤. मेरा मानना है कि देश की बहà¥à¤¤ सी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के लिठयह नेता ही जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं. किसी समाज को यदि अपराध और à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° से मà¥à¤•à¥à¤¤ करना है तब पहले उसे नेताओं से मà¥à¤•à¥à¤¤ करना होगा.
तो मैं कह रहा था, मेरे दरवाजे पर नेता जी आà¤.
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “हम आपके कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से विधान सà¤à¤¾ का आगामी चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रहे हैं”.
मैंने कहा – “पहले तो मैं लड़ाई में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं करता. दूसरे आप मेरे कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लड़ रहे हैं, आप को लड़ना है तो अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मैं जाकर लड़िà¤, तीसरे यह आपका कोई अपना मामला होगा, चौथे मà¥à¤à¥‡ इस में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ फंसा रहे हैं?”
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “आप समà¤à¥‡ नहीं”,
मैंने कहा – “तो समà¤à¤¾à¤‡à¤ न”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “हम चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रहे हैं”,
मैंने कहा – “यह तो आप पहले ही कह चà¥à¤•à¥‡ हैं और मैं à¤à¥€ कह चà¥à¤•à¤¾ हूठकि आप को लड़ना है तो लड़िà¤, मैं इस में कà¥à¤¯à¤¾ कर सकता हूà¤?”
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “हमें आप का वोट चाहिऔ,
मैंने कहा – “मेरा वोट लड़ने के लिठनहीं है, आप ग़लत जगह आ गठहैं”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “आप समठनहीं रहे हैं”,
मैंने कहा – ” अरे à¤à¤¾à¤ˆ तो समà¤à¤¾à¤‡à¤ न”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “हम चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ रहे हैं और उस के लिठहमें आप का वोट चाहिऔ,
मैंने कहा – ” अब आप नहीं समठरहे हैं, मैंने कहा कि मेरा वोट लड़ने के लिठनहीं है, वह आप को नहीं मिल सकता”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “अब मैं नहीं समà¤à¤¾”,
मैंने कहा – “मैं समà¤à¤¾à¤¤à¤¾ हूà¤, मेरा वोट उस के लिठहै जो विधान सà¤à¤¾ में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤µ करेगा, उस के लिठनहीं जो लड़ेगा”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “सब à¤à¤¸à¤¾ ही कहते हैं, चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ना”,
मैंने कहा – “पर मैं à¤à¤¸à¤¾ नहीं कहता, आप उन के पास जाइये जो चà¥à¤¨à¤¾à¤µ को लड़ाई मानते हैं और कहते हैं, मैंने आप से पहले ही कहा था कि आप ग़लत जगह आ गठहैं, नमसà¥à¤•à¤¾à¤°”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “अरे हमारी बात तो सà¥à¤¨à¤¿à¤”,
मैंने कहा – “इतनी देर से और कà¥à¤¯à¤¾ कर रहा हूà¤?, नमसà¥à¤•à¤¾à¤° ,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा – “अरे”,
मैंने कहा – “नमसà¥à¤•à¤¾à¤°”,
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने फ़िर कहा – “अरे”,
मैंने फ़िर कहा – “नमसà¥à¤•à¤¾à¤°”,
शायद यह वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª और देर चलता पर मेने दरवाजा बंद कर लिया.
Yes , I agree with you………. Good topic.
Your title is very suitable for this blog. Nice to read this one. Keep writing on such discussions.
Hello,
Our politicians do not even know that they are trying to represent a constituency by standing in an election and not fighting.
Such is the state of affairs, that our democracy has come to that we have no representatives who can think on their own.
Regards,
SERVICE TO ALL