yatha raja tatha praja
रघà¥à¤•à¥à¤² रीति सदा चली आई,
पà¥à¤°à¤¾à¤£ जाठपर वचन न जाई.
à¤à¤¸à¥‡ होते थे राजा,
और à¤à¤¸à¥€ ही होती थी पà¥à¤°à¤œà¤¾,
अब न राजा à¤à¤¸à¥‡ रहे, न पà¥à¤°à¤œà¤¾,
जो जितना बेईमान वह उतना अचà¥à¤›à¤¾ राजा,
जो जितनी बेईमान वह उतनी अचà¥à¤›à¥€ पà¥à¤°à¤œà¤¾,
कहावत फ़िर चरितारà¥à¤¥ हà¥à¤ˆ,
यथा राजा तथा पà¥à¤°à¤œà¤¾.
पà¥à¤°à¤œà¤¾ ने लिया उधार बैंक से,
राजा ने कहा वापस मत करना,
समà¤à¤¨à¤¾ वोट की कीमत है,
मदद के नाम पर रिशà¥à¤µà¤¤,
देता है राजा पà¥à¤°à¤œà¤¾ को,
पà¥à¤°à¤—ति की नई परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ है यह.
पहले राजा मानते थे पà¥à¤°à¤œà¤¾ को पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¤,
अब मानते हैं à¤à¤• वोट वत,
बाà¤à¤Ÿà¤¤à¥‡ हैं नफरत, मांगते हैं वोट,
सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ इमानदारी पर करते हैं चोट.
पà¥à¤°à¤œà¤¾ ने टेकà¥à¤¸ दिया राजा को,
राजा ने खरà¥à¤š किया ख़à¥à¤¦ पर,
विकास कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मैं पाà¤à¤š पैसे,
पंचानà¥à¤µà¥‡à¤‚ अपनी जेब मैं.
बना दिया बाज़ार राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को,
à¤à¥‚ल गठअपना इतिहास,
खेतों मैं फकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ लगाईं,
फसलों को करके बरबाद.
जब बचà¥à¤šà¥‡ थे तब पढ़ते थे,
कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ देश है à¤à¤¾à¤°à¤¤,
अब बूà¥à¥‡ हो कर पढ़ते हैं,
कंकà¥à¤°à¥€à¤Ÿ का जंगल à¤à¤¾à¤°à¤¤.
Hello Sir,
Though I have not been able to read the contents, based on the title I feel that our leaders are decided by the Praja and so it should be Yatha Praja Tatha Raja.
Regards,
SERVICE TO ALL
Dear Sir,
Really if are comparing todays culture with old culture then how you can compare. You are talking about Rajashai culture.
You should be remember who had been created social level system between praja.
Only raja ka beta hi raja ho sakta hai because he belongs to that faimily.
Aaj bhi un Rajao ki santane hai but why they are not capable to protect himself.